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होम्योपैथी: प्राचीन चिकित्सा की आधुनिक दुनिया में भूमिका- डॉ. राजनीश जैन

  परिचय स्वागत है श्री आर.के. होम्योपैथी सागवाड़ा, डूंगरपुर, राजस्थान में। हम यहां हैं आपके सेवा में, 25 वर्षों के अनुभव के साथ। डॉ. राजनीश जैन की अनुभवी मार्गदर्शन में, हम होम्योपैथी के माध्यम से आपके स्वास्थ्य की देखभाल करते हैं। आज हम जानेंगे होम्योपैथी के विभिन्न पहलुओं के बारे में। होम्योपैथी का इतिहास और विकास होम्योपैथी, जिसे डॉ. सैमुअल हैनिमान ने 18वीं सदी के अंत में विकसित किया था, एक अनूठी चिकित्सा प्रणाली है। यह 'समरूपता के नियम' पर आधारित है, जिसका अर्थ है 'जैसा इलाज वैसा रोग'। यानी, जिस पदार्थ से स्वस्थ व्यक्ति में रोग के लक्षण उत्पन्न होते हैं, उसी पदार्थ को अत्यंत पतला करके उसी रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। डॉ. हैनिमान ने अपने सिद्धांत को सिद्ध करने के लिए कई प्रयोग किए और पाया कि कई प्राकृतिक पदार्थ, जब उन्हें अत्यंत पतला किया जाता है, तो वे शरीर के आत्म-उपचार तंत्र को सक्रिय कर सकते हैं। होम्योपैथी के प्रमुख सिद्धांत होम्योपैथी के मुख्य सिद्धांतों में शामिल हैं: समरूपता का नियम: समान लक्षणों का समान इलाज। संपूर्णता का उपचार: मानसिक, शारीरिक औ...

साइटिका: कारण, प्रकार और होम्योपैथिक उपचार-Dr.Rajneesh Jain

 ​ ​ पोस्ट का शीर्षक: साइटिका : कारण, प्रकार और होम्योपैथिक उपचार- Dr.Rajneesh Jain विवरण: साइटिका एक प्रकार का न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें निचले हिस्से से पैरों तक जाने वाली नसों में दर्द होता है। यह स्थिति बहुत ही तकलीफदेह हो सकती है और दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकती है। साइटिका  कैसे होता है: स्कियाटिका का मुख्य कारण सायटिक नस पर दबाव या उसकी जलन है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हो सकते हैं: हार्निएटेड डिस्क (Herniated Disc) : रीढ़ की हड्डियों के बीच की डिस्क का बाहर निकल जाना। स्पाइनल स्टेनोसिस (Spinal Stenosis) : रीढ़ की नलिका का संकुचित होना। डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic Neuropathy) : मधुमेह के कारण नसों को नुकसान। ट्यूमर (Tumor) : रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर। साइटिका के प्रकार: स्कियाटिका के लक्षण और गंभीरता के आधार पर इसे विभाजित किया जा सकता है: तीव्र साइटिका (Acute Sciatica) : अचानक से शुरू होने वाला और कम अवधि का दर्द। ...

हिचकी आने के कारण, घरेलू उपाय और होम्योपैथिक उपचार डॉ. राजनीश जैन

  हिचकी आने के कारण, घरेलू उपाय और होम्योपैथिक उपचार डॉ. राजनीश जैन, श्री आर. के. होम्योपैथी हॉस्पिटल, सागवाड़ा द्वारा प्रस्तुत हिचकी क्या है? हिचकी (Hiccups) तब होती है जब आपके डायफ्राम (Diaphragm) में अचानक और अनियंत्रित संकुचन होता है। यह श्वसन प्रणाली की एक अस्थायी समस्या है, जिसमें वोकल कॉर्ड्स अचानक बंद हो जाती हैं और "हिच" की आवाज़ आती है। यह आमतौर पर कुछ समय में खुद ही ठीक हो जाती है, लेकिन लंबे समय तक चलने वाली हिचकी किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकती है। हिचकी आने के सामान्य कारण: जल्दी-जल्दी खाना : भोजन के साथ हवा निगलने से। गैस्ट्रिक समस्याएं : पेट में गैस या भारीपन। मिर्च-मसालेदार भोजन : मसालों से डायफ्राम पर असर। अधिक हंसी या रोना : डायफ्राम में अचानक बदलाव। शराब या कार्बोनेटेड ड्रिंक : पेट में गैस बढ़ने से। तनाव : मानसिक तनाव या चिंता। स्वास्थ्य समस्याएं : फेफड़ों, पेट या मस्तिष्क से संबंधित विकार। हिचकी के घरेलू उपाय: पानी पिएं : ठंडा पानी धीरे-धीरे घूंट-घूंट करके पिएं। सांस रोकें : कुछ सेकंड के लिए अपनी सांस रोकें। चीनी खाएं : एक चम्मच चीनी मुंह में रखें और च...